लीलबहादुर क्षेत्री
लीलबहादुर क्षेत्री असाम, भारत बाटि नेपाली भाषा का साहित्यकार हुन।[१] यिन लाइ यिनरा किताब ब्रह्मपुत्रको छेउछाउ खिलाइ साहित्य एकेडेमी पुरस्कार प्राप्त छ। समाज माइ उच्च भँणीन्या वर्ग बठेइ शोषित गरीब गँवल्या का परिवेश माइ आधारित उनरो उपन्यास बसाइँ भौती चर्चित कृति हो। येइ उपन्यास लाइ त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल का पाठ्यक्रम माइ समावेश अरीरैछ।[२] [३]
लीलबहादुर क्षेत्री | |
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जनम | वि.सं. १९८९ असम, गुवाहाटी, भारत |
साहित्यिक नाउँ | लीलबहादुर क्षेत्री |
पेशा | उपन्यासकार, कथाकार, लेखक, साहित्यिक समालोचक |
भाषा | नेपाली, अङरेजि |
विधा | उपन्यास |
उल्लेखनीय सम्मानअन | साहित्य एकेडेमी पुरस्कार |
कृतिअन
सम्पादन- बसाई (उपन्यास)
- ब्रहमपुत्रको छेउ छाउ
- अतृप्त
- असममा नेपाली भाषाको सारोगारो
- दोबाटो
- तीन दशक बीस अभिव्यक्ति
सन्दर्भअन
सम्पादन- ↑ "Gorkhapatra". Gorkhapatra. Archived from the original on 2013-12-14. Retrieved 2012-08-20. Unknown parameter
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ignored (help) - ↑ Kunda Dixit. "Not lost in translation". Nepali Times. Retrieved 2012-08-20.
- ↑ Namrata Guragain. "बसाइं–एक अनुभुती". Nepali Post. Retrieved 2013-04-05.