रानी राजेन्द्र लक्ष्मी
महारानी राजेन्द्र राज्य लक्ष्मी (? -सन् १७८५) शाहवंश कि रानी थिन् जन ले ८ वर्ष का नायबी काल मी नेपाल एकीकरण का दोसरा चरण लाइ अघा बड़ाइराइथिन्। उन पृथ्वीनारायण शाह का चेला प्रतापसिंह शाह कि पुतारि हन्। २३ वर्ष का उमर मी राजा बन्याऽ प्रतापसिंह शाह २५ वर्ष भया पछा मरीय्या तै पाछा राजेन्द्र लक्ष्मी ले चेला रणबहादुर शाह का नाउँ मी शासनभार समालिराइथिन्। यिन लाइ "राजमाता राजेन्द्रलक्ष्मी" लै भणीन्छ।[citation needed]
रानी राजेन्द्र | |||||
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नेपाल कि राजमहिषी नेपाल कि रानी राज्य-संरक्षक | |||||
स्वास्नी | प्रतापसिंह शाह | ||||
सन्तान | नगेन्द्र शाह रणबहादुर शाह | ||||
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राजवंश | शाह कि सभा (बैबाहिक हिसाब ले) | ||||
मृत्यु | १३ जुलाइ १७८५ हनुमान ढोका दरवार, वसन्तपूर, काठमाडौं | ||||
धर्म | हिन्दु |
बाल्यकाल
सम्पादनराजेन्द्र राज्य लक्ष्मी को जनम पाल्पा मी राजकुमारी का रूप मी भया को हो।
नायबीकाल
सम्पादनराजेन्द्र राज्य लक्ष्मी ले सन् १७७७ मी राजमाता का रूप मी शासनभार समालिराइथिन् भँण्या सन् १७७८ मी उन लाइ बन्दी बनायियाऽ थ्यो। १७७९ मी उन लाइ रिहा गरिया पाछा उन सन् १७८५ सम्म नेपाल कि नायबी शासक रैन्। तै समयावधि मी राजेन्द्र राज्य लक्ष्मी का नेतृत्व मी सैनिक अभियान अन्तरगत कास्की, तनहुँ रे लमजुङ का राज्यअन नेपाल राज्य मी मिलायिया।
व्यक्तित्व रे मुल्यांकन
सम्पादनराजमाता राजेन्द्र राज्य लक्ष्मी ले चौबीसे राज्य का संयुक्त आक्रमण लाइ विफल बनाइबरे नेपाल को ओड़ो कालीगण्डकी सम्म पुरेइराइथिन्। उन लाइ पृथ्वीनारायण शाह का एकीकरण अभियान ऐतिर बड़ौन्या कुशल प्रशासक का रुप मी हेरिन्छ। उन घोड़ा चड़िबरे युद्ध का मैदान मी लगै जनेइ अरन्थिन्। केइ इतिहासविद ले सैनिक अभियान बठै विजय अभियान ऐतिर बड़ौनुइ उनरा जीवन को उद्देश्य रयाऽ बतौनान्। पुइ लै उनरा कार्यकाल मी समस्याअन लै भौत थ्या। देवर बहादुर शाह सित कपालि का कारण उनरो दरबार भारदारिया षडयन्त्र रे हत्या हिंसा को थलो लै बन्न पुगिरैथ्यो।
महारानी राजेन्द्रलक्ष्मी नेपाल का इतिहास मी सम्भवतः सबै है शक्तिशाली नारी थिन्। राजेन्द्रलक्ष्मी लाइ नेपाल को पैल्ली वीराङ्गना माणिन्छ। बहादुर शाह प्रति उन ले गर्याऽ व्यवहार लाइ बिसरिबर हेद्या हौ भँण्या उन लाइ औलानु दिनेइ ठउर नाइ थेकीनि। पृथ्वीनारायण शाह का एकीकरण अभियान लाइ सफल पाड्डाइ उनरो अथक योगदान छ। यिन ले चौबीसे राज्यअन लाइ गोरखाली शक्ति को सङतोइ परिचय दीराइथिन्। कास्की, लमजुङ रे तनहुँ यिनराइ पाला मी नेपाल मा गाबीयाऽ हन्।
मृत्यु
सम्पादनवि.सं. १८४२ (सन् १७८५) मी क्षयरोग बठै महारानी राजेन्द्र राज्य लक्ष्मी को काठमाडौं का हनुमान ढोका दरवार मी मृत्यु भयो। [citation needed]