अमरसिंह थापा
अमरसिंह थापाको जन्म वि. स. 2029 कअन लङ्गुरगढी छोडी १००० कि.मि. ३० दिनमा पार अरिवर मातृभूमिको रक्षार्थ दोसरो नेपाल तिब्बत युद्धमी नुवाकोट आइपुग्या थ्याः।[२] त्यइ बेला अमरसिंह थापालाई अङ्ग्रेज प्रलोभन धेकाया लै त्यसा लोभ लालचमी नफसी राष्ट्रिय हितलाई सर्वोपरि ठानी वीरता पूर्वक अङ्ग्रेजसित लडेकाले हाम उनीलाई राष्ट्रिय विभूतिका रूपमी सम्मान अद्दाछाैँ।
श्री बडाकाजी जर्नेल अमरसिँह थापा | |
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अमरसिँह थापा | |
उपनाऊ: | ज्यूँदो बाघ, बडाकाजी, जर्नेल अम्वरसिंह |
जनम | वि.सं. १८०८ जनै पूर्णिमा[१] सिरानचोक, गोरखा जिल्ला |
मृत्यु | वि.सं. गोसाइँ कुण्ड, रसुवा जिल्ला |
राष्ट्रियता | नेपाली |
तह: | जनरल |
लडाई/युद्ध | नेपाल अंग्रेज युद्ध, नेपाल-तिब्बत युद्ध वा नेपाल-भोट युद्ध |
अवार्ड: | राष्ट्रिय विभूति |
वंश: | ५ छोराहरू रणजोर सिंह थापा, रणध्वज थापा, रामदास थापा, नरसिंह थापा |
जीवनी
सम्पादनसन्दर्भअन
सम्पादन- ↑ http://bagalethapa.blogspot.com/2015/09/blog-post_35.html?m=1
- ↑ "नेपाली सेना ईतिहास". Archived from the original on 2016-12-20. Retrieved 2021-05-26.